ऋषिकेश, 27 अगस्त। भले ही अभी उत्तराखंड में निकाय चुनाव कार्यक्रम की आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं हुई है। लेकिन, कांग्रेस ने निकाय चुनाव फतह करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसकी शुरुआत ऋषिकेश में रविवार को चिंतन मंथन बैठक के साथ की।
नगर निगम के स्वर्ण जयंती सभागार में आगामी निकाय चुनाव की तैयारी के मद्देनजर चिंतन मंथन बैठक में कार्यकर्ताओं से चुनाव कैसे जीतेंगे इसके लिए अहम मांगे। कार्यकर्ता ने सुझाव के साथ पार्टी में आपसी मनमुटाव, गुटबाजी को दूर करने की बात कही। कार्यकर्ताओं ने कहा कि व्यक्ति नहीं पार्टी सर्वोपरि होनी चाहिए तभी एकजुट होकर आगामी चुनाव जीत सकते हैं।
मौके पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, जिला अध्यक्ष मोहित उनियाल ने कार्यकर्ताओं से जनहित से जुड़े मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरने और प्रत्येक बूथ को मजबूत करने का आह्वान किया। मौके पर महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश सिंह, एआईसीसी मेंबर जयेंद्र रमोला, शैलेंद्र सिंह बिष्ट, मदन मोहन शर्मा, दीप शर्मा, सुधीर राय, प्रदीप जैन, नीलम तिवारी, मनीष शर्मा, विजय पाल रावत, पार्षद देवेंद्र प्रजापति, विजय लक्ष्मी शर्मा, भगवान सिंह पंवार, जगत नेगी, ललितमोहन मिश्र, लल्लन राजभर, रवि जैन, बीएस पयाल, चंदन पंवार, विक्रम भंडारी, पार्षद शकुंतला शर्मा, सरोज देवराडी, मधु जोशी, कमलेश शर्मा, मालती, त्रिलोकी नाथ तिवारी, राजेश शाह, हरिराम वर्मा, हरि नेगी मनीष जाटव, ऋषि सिंघल, शैलेन्द्र गुप्ता, विनोद रतूड़ी, प्रवीन गर्ग, विश्वजीत अधिकारी, मधु मिश्रा, अशोक शर्मा, मित्तल हाशमी, विकास खुराना, जतिन जाटव, मुकेश कुमार जाटव, शैलेंद्र गुप्ता, अंशुल त्यागी, अभिषेक शर्मा, संजय शर्मा, सुधारानी, प्रवीण जाटव, अशोक मौर्य, जितेंद्र, अमित पाल, रोशनी, पूजा शर्मा, अभिनव सिंह मलिक, ऋषभ राणा, बुरहान अली, इमरान सैफी, गौरव राणा, गौरव यादव, ऊषा भंडारी आदि मौजूद रहे।
कांग्रेस को बाहर वालों से नहीं अपनों से ही खतरा
चिंतन मंथन बैठक के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ता हरिराम वर्मा ने कहा कांग्रेस को चुनाव में बाहर वालों से नहीं अपने लोगों से ही खतरा रहता है। उन्होंने खुलकर कहा कि पिछले चुनाव में पार्टी के कुछ लोगों ने उन्हें हराने का काम किया। लिहाजा इस बार नगर निगम का चुनाव जितना है तो ऐसे लोगों से सावधान रहना पड़ेगा। पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्ट लोगों को जयचंद की संज्ञा दी। जयचंदो को किसी भी चुनाव समिति में जिम्मेदारी नहीं दी जाए।