गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ने वाला मोटर पुल मंजूरी के दशक बाद भी अधर में
नई दिल्ली। नई दिल्ली के पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्रांतर्गत गढ़वाल क्षेत्र के प्रवासियों की उत्तराखंड में गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ने वाले सिंगटाली मोटर पुल के निर्माण की अपील को सांसद दिल्ली गौतम गंभीर ने गंभीरता से लिया है। सांसद ने मंजूरी के बाद भी अधर में लटके मोटर पुल के शीघ्र निर्माण करने की पैरवी केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से की है। इस बाबत सांसद ने केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री को आग्रह पत्र भेजकर उत्तराखंड की महत्वपूर्ण योजना को जनभावनाओं के अनुरूप जल्द साकार करने की गुहार लगाई है।
मामले में सामाजिक कार्यकर्ता योगेश मैठाणी एवं दिल्ली में रहने वाले गढ़वाल के प्रवासियों ने पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से सांसद गौतम गंभीर को पत्र के माध्यम से गढ़वाल के कौडियाला स्थित गंगा नदी के ऊपर बनने वाले सिंगटाली मोटर पुल के निर्माण को शीघ्र करने की अपील की गई थी। हमारा दिया था कि देश में आधुनिक पुलों और सड़कों का जाल बिछ चुका है। लेकिन गढ़वाल के लोग आज भी सुविधाओं की बाट जो रहे हैं जिसका जीता जागता हुआ है गढ़वाल मंडल और कुमाऊं मंडल को जोड़ने वाला सिंगटाली मोटर पुल, जो वित्तीय मंजूरी के बाद भी अभी तक नहीं बना है। यही वजह है कि क्षेत्रवासी लंबे समय से सिंगटाली मोटर पुल के निर्माण की मांग उठाते आ रहे हैं। यह हाल तब है जब पुल निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति हो चुकी है।
वर्ष 2006 में व्यासघाट से सिगटाली मोटर मार्ग पुल (शासनादेश संलग्न) सहित स्वीकृत किया गया था। मोटरमार्ग का निर्माण विभिन्न चरणों में वर्ष 2019 में पूर्ण होकर ढांगूगढ (ग्राम विजयपुर, झेड, पौडी गढवाल) तक पहुंच गयी है। उसके उपरान्त सिंगटाली झुला पुल के समीप गंगा नदी पर मोटरपुल का निर्माण होना था। विडंबना है कि मोटरपुल का निर्माण अभी तक नहीं हुआ है।
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मोटर पुल निर्माण से 2000 से अधिक गांवों को मिलना है लाभ
सिगटाली मोटर पुल के निर्माण के पौड़ी जिले प्रमुख विकासखण्डों यमकेश्वर, द्वारीखाल, कोट, एकेश्वर पोखडा, कल्जीखाल, चोबट्टाखाल रिखणीखाल, थलीसैण, बीरोखाल आदि के 2000 से अधिक गांव व गढ़वाल मण्डल का मुख्यालय पौड़ी तक यातायात की सुगमता हो जाती, व्यासघाट से सतपुली सिद्धखाल, रिखणीखाल, नैनीडाडा होते हुए रामनगर नैनीताल यानि गढ़वाल और कुमांऊ तक की दूरी कम हो जाएगी, साथ ही चिकित्सीय आपात में ऋषिकेश और देहरादून तक आया जा सकता है।
क्षेत्र में नये रोजगार के अवसर खुलते -मोटर पुल के निर्माण से स्वरोजगार व पर्यटन को बढ़ावा भी मिलता, जिससे पहाड़ में पलायन को रोका जा सकता है। यह मोटरपुल 3 तरफ से राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ रहा है। सिगटाली मोटर पूल बनने से कौडियाला, व्यासघाट, देवप्रयाग मोटर मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग 58 (07) का वैकल्पिक मार्ग भी होगा।
डीपीआर और डिजाइन तैयार, बजट का रोना
समाजसेवी योगेश मैठाणी और प्रवासियों ने दिल्ली सांसद गौतम गंभीर को पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि कार्यदायी संस्था अधिशासी अभियन्ता निर्माण खण्ड लोक निर्माण विभाग श्रीनगर गढ़वाल से ज्ञात हुआ है कि सिंगटाली मोटर पुल कार्य हेतु डीपीआर, डिजाइन और अन्य औपचारिकताएं पूर्ण हो चुकी है। विभाग द्वारा तैयार डीपीआर के अनुसार पुल की लागत लगभग 115 करोड़ तक है। राज्य सरकार द्वारा बजट न होने का कारण बताकर पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा रहा है। इससे लगता है कि राज्य सरकार उक्त मोटरपुल हेतु गंभीर नहीं है।
गाववासी- सिंगटाली, नांद, खेडा, कूला, झेड, विजयपुर, महोदवचटटी, सुमेरूसैंड, काटल, चांदपुर, दाबड, सिमालू, खण्ड, काण्डी अमोला, किनसुर, हथनुड, असनेत गूम, तैडी, डल, खोला, नकोट, अमोला, बिरसणी, लसेरा, डांडा नागराज धार्मिक क्षेत्र व्यासचटटी, यमकेश्वर ब्लॉक, द्वारीखाल ब्लॉक, कोट ब्लॉक, पौडी ब्लॉक, पाबौं ब्लॉक, पोखडा ब्लॉक, एकेश्वर ब्लॉक, थलीसैड ब्लॉक, बैजरो ब्लॉक, रामनगर, बीरोखाल ब्लॉक, पौडी, टिहरी जिले दो हजार से अधिक गांव।